दर्द देकर मुझे मुस्कुराता है वो

दर्द देकर मुझे मुस्कुराता है वो ।
बड़ी बेवफ़ाई दिखाता है वो ।।

इस तरह इश्क़ करता है मुझसे,
जैसे दुनियादारी सिखाता है वो ।।

साथ जीने के वादे किए थे कभी,
उन्हें बीता ख़्वाब बताता है वो ।।

दो-चार कदम साथ अभी है चला,
और अहसान ढेरों जताता है वो ।।

दिल्लगी आग थी उसकी, बुझ गई,
पर मुझे आज तक जलाता है वो ।।

फ़लक का सितारा वो जब से बना,
अब हर बात में जमीं दिखाता है वो ।।


तारीख: 19.06.2017                                    महेश कुमार कुलदीप









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