धूल माँ के पैर की

धूल माँ के पैर की माथे लगाने दो मुझे
देश के खातिर जरा हस्ती मिटाने दो मुझे ।
*****
ख्वाब सारे यार उनके अब सजाने दो मुझे
रात भर ख्वाबों में उनको ही सताने दो मुझे ।
*****
यूँ नजर मुझसे चुराकर आज तुम जाना नही 
बात जो आयी लबों पर वो बताने दो मुझे ।
*****
शहर तूने आज मुझको दे दिया सब कुछ मगर
हो सके तो यार मेरे वो पुराने दो मुझे ।
*****
ज़िन्दगी की साथ चलकर हो गया बूढ़ा रिशू
अब गजल में ही जवां खुद को बताने दो मुझे ।


तारीख: 15.06.2017                                    ऋषभ शर्मा रिशु









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है