दिन रात बस यही करता हूँ मैं ,
तेरी यादों को ग़ज़ल करता हूँ मैं।
गलती तो तेरी है और जुर्माना,
तू तो बच जाती है, भरता हूँ मैं।
बहुत कठिन है सब भूल जाना,
तेरी यादों से भी डरता हूँ मैं।
यादें तेरी, मेरे दिल की कातिल है।
खुद तो ज़िंदा रहती हैं, मरता हूँ मैं।