एक दूजे को भुलाकर देखते है

शर्त अब ये लगाकर देखते है
एक दूजे को भुलाकर देखते है ।
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हमारा दिल तुम्हारे नाम ही है
भरम ये भी मिटाकर देखते है ।
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बेशक पूरी न हो कोशिश मिरी ये
सिक्का खोटा चलाकर देखते है ।
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अय्याशों से भरे अपने शहर में
इज्जत अपनी बचाकर देखते है ।
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कहा मुझसे नही मैं ख्वाब उनका
ख्वाब उनके चुराकर देखते है ।
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सभी को हो मुकम्मल खुशियाँ
शहर ऐसा बसाकर देखते है ।
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सितारों ने सजाया चाँद को है
तुझे हम ही सजाकर देखते है ।
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तन्हाईयाँ उन्हें जो है सताती
रिशु का गीत गाकर देखते है ।


तारीख: 16.06.2017                                    ऋषभ शर्मा रिशु









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