हसाँ के हमको रुला रहा है,
खता हमारी बता रहा है ।।
मिला नही जो बिछड़ के हमको,
वो आज आसू बहा रहा है ।।
चलो उसे भी सबक सिखाए ,
न जाने कब से सता रहा है ।।
यकीं उसी पर न कर सकेगें,
जो हमसे इतना खफा रहा है ।।
'लकी' ने वादा निभाया दिल से,
वफा का बदला वफा रहा है ।।