इश्क़ का इजहार ना कर

मुझसे वादा ना ले, इश्क़ का इजहार ना कर
मैं झूठा हूं, मेरे हमदम, मेरा एतबार ना कर

मैं हूं फ़रेबी, ज़ज्बात-ए-कसाई कहलाता हूं
ये लफ्ज़ सीने में रख, मुझपे बेकार ना कर

तुझे मालूम नहीं, शामिल हूं इश्क़ के गुनहगारों में
मेरा नाम जुबां से ना ले, मुझको इनकार तू कर

तेरी आँखों में उठते सपनों से मैं घबराता हूं
मुझे भूल तू जा, यूं मुझको बेक़रार ना कर

मैं बेनूर हूं बेगैरत हूं मजबूर हूं आवारा हूं
अब अन्जान ना बन ये फिजूल तकरार ना कर


तारीख: 17.06.2017                                    आयुष राय









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