जगमगाती शाम लेकर आ गया हूँ
मत डरो, पैग़ाम लेकर आ गया हूँ
हम सभी गद्दार हैं, हक़ माँगते हैं
सर पे ये इल्ज़ाम लेकर आ गया हूँ
फिर गरीबों को उदासी बाँटकर
मैं ज़रा आराम लेकर आ गया हूँ
सब यहाँ तलवार लेकर आ गए हैं
मैं तुम्हारा नाम लेकर आ गया हूँ
आत्मा तुमने बहुत सस्ते में बेची
मैं तो ऊँचे दाम लेकर आ गया हूँ
आज अपने साथ मैं रोटी नहीं
कुछ ज़रूरी काम लेकर आ गया हूँ