नजदीकियाँ बड़ी हैं

नजदीकियाँ बड़ी हैं पहले से अब।
वो घबराने लगे हैं पहले से अब।

बडे मासूम से थे जब मुलाकात हुई थी
काफी रंगीन नजर आते हैं पहले से अब।

सीधी बात कहते थे सीधा ही सुनना पंसद था।
बडी बातें घुमाने लगें हैं पहले से अब।

हम तो उनकी शोख़ आदाओं पर मर मिटे थे
कातिलाना हुई हैं आदायें पहले से अब।

"बेचैन" हैं हम तो उनका हाल देखकर 
सब पर ज्यादा प्यार लुटाने लगे पहले से अब।


तारीख: 16.06.2017                                    रामकृष्ण शर्मा बेचैन









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