सुना है कि आप लड़ते बहुत हैं

सुना है कि आप लड़ते बहुत हैं
शायद बातचीत से डरते बहुत हैं

मन्दिर-मस्जिद की आड़ लेकर
मासूमों पर जुल्म करते बहुत हैं

देशभक्त आपके अलावे और भी हैं
ऐसा कहें तो आप बिगड़ते बहुत हैं

रस्मों-रिवाज़ की नसें काट कर
आप चन्दन रोज रगड़ते बहुत हैं

जो कलंक मिट गई थी इस माटी से
आप उस जात-पात पे अकड़ते बहुत हैं

कोई जो पूछ ले समृद्ध इतिहास आपका
फिर अपनी हर बात से मुकरते बहुत हैं


तारीख: 19.08.2019                                    सलिल सरोज









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