जमाना बदलता गया,पहले तस्वीर बनाई जाती थी,फिर फोटो खींचा जाने लगा,विभिन्न प्रकार के कैमरों का उदय हुआ। जहां नज़र डालो वहां कैमरा,अब कैमरा है तो फोटो है,और आजकल फोटो माने "सेल्फ़ी"।कुछ वर्ष पहले तो लोग तो सेल्फ़ी नामक चोंचले को तो जानते भी नही थे।हां सेल्फ के बारे मे जरूर थोड़ी गलतफहमियां होती थी। जैसे सेल्फ डिपेंड,सेल्फ कॉन्फिडेन्स टाइप।अब आजकल सेल्फ मतलब सेल्फ़ी। आजकल के युग मे अगर आपको सेल्फ़ी खीचने नही आती,तो यकीन मानिए आप आदिकाल मे जी रहे है।
क्योंकि आजकल जिसे देखो वही सेल्फ़ी हुआ जा रहा है।यो यो टाइप लोग तो इसमे एक्सपर्ट है,और गांव मे लखेदन,घुरा ,मोहना भी सेलफिया गए हैं।अब यो यो बिरादरी वाले का सेल्फ़ी का स्टैंडर्ड थोड़ा ऊंचा होता है ,वो लोग विभिन्न प्रकार के मुंह बनाने मे एक्सपर्ट होते है।फाइव स्टार होटल मे एन्जेल प्रिया ने सेल्फ़ी ली-ईटिंग हैमबर्गर विथ एन्जेल मोना,एंड क्यूट लीज़ा ऐट फलाना होटल,फीलिंग ग्रेट। और गाँव मे लखेदन ने सेल्फ़ी ली-ईटिंग सतुआ विथ घुरा एंड चोभन ऐट अरहर खेत ,फीलिंग भेरी हॉट। अब सेल्फ़ी यहाँ तक ही नही है,कितने व्यक्तियों ने तो मृत लोगो को भी नही बख्शा है,और सेल्फ़ी लेके पोस्ट करते है"मी विथ माई दूर के डेड दादाजी,ऐट श्मशान घाट फीलिंग भेरी सैड.😩..।
मतलब आजकल जिसे देखो वही जैसे सेल्फ़ी विथ सुखा,सेल्फ़ी विथ भूखा,सेल्फ़ी विथ रेन,सेल्फ़ी विथ ट्रेन। ट्रेन के साथ सेल्फ़ी खींचने वालो मे से ज्यादातर को ट्रेन ने अपने साथ टैग कर लिया। अउर सुखा वाले सेल्फ़ी लोगो को जमीन मे प्यासी दरारें बहुत ही बड़ी कलाकृति दिखती है। राजनीति मे भी सेल्फ़ी ने पीछा नही छोड़ा। एक मोहतरमा सूखे का भ्रमण करने गयी,वहां पे उनका मूड सेल्फ़ी हो गया,उन्होंने तत्क्षण अपने ब्रांडेड स्मार्ट फोन से सेल्फि विथ सुखा ले लिया। लोगो ने उनको बहुत बड़ा सेल्फिश कहके खिंचाई करना शुरुआ कर दिया। अउर सबसे बड़े वाले सेल्फ़ी मैन तो अपने मुखिया है,उन्होंने तो इसको मस्त यूज किया। सेल्फ़ी विथ डॉटर तो है ही कभी कभी सेल्फ़ी विथ वाटर वायरल हो जाता है। कुछ भी कहो ये सेल्फ़ी है बड़ी अजीब..इसका मर्म जानना इतना आसान नही।
किसी ने कहा है...
सेल्फ़ी में वो ही आ पाता ,जितनी दूर हाथ है जाते
सेल्फ़ी बड़ी सेल्फिश होती ,आस पास वाले कट जाते
होता है संकीर्ण दायरा ,सेल्फ़ी के कुछ लिमिटेशन है
आत्मकेंद्रित हम होते है,फिर भी सेल्फ़ी का फैशन है ।।