नन्हा राजू केनवास पर लगे रंग को गीले पानी के कपडे से साफ़ करने की कोशिश में लगा था मगर दाग चूंकि पक्का हो चूका था इसलिए वजाय साफ़ होने के और फैलता जा रहा था ।
तभी मिस्टर मेहरा गार्डन में आये और प्यार से राजू को समझाने लगे ”राजू बेटा केनवास सफ़ेद होता है और एक बार इस पर कोई रंग लग जाता है तो वह कभी छूटता नहीं है ।
व्यर्थ कोशिश मत करो और अगली बार सोच समझ कर सही रंग ही लगाना “इतनी देर में मिसेज मेहरा यानि राजू की माँ चाय का कप लेकर वहां आई और चाय देते समय गलती से मिस्टर मेहरा की कमीज पर कुछ बूँद छलक गयीं ।मिस्टर मेहरा आगबबूला होकर मिसेज मेहरा को अपशब्द बोलने लगे।
नन्हे राजू ने कांपते हुए क्रोधित पिता को देखा और वापस केनवास से रंग उतारने की नाकाम कोशिश करने लगा ।