कोई आने वाला है

 

कागा बोल रहा है आँगन में
कोई आने वाला है
कुछ हलचल है मेरे मन में
कोई आने वाला है

कितनी शीतल है पुरवा सहेली
उसमे झूमे है अमवा की डाली
आज चेहरे पे मेरे सुबह से
कितना शोभे है सुरज की लाली
कुछ टूट रहा मेरे तन में
कोई आने वाला है
कागा बोल रहा है आँगन में
कोई आने वाला है

आज भाते नहीं मुझको मेले
जी चाहे मैं बैठूँ अकेले
काँटे दामन से उलझे है मेरे
फूल चुपके से गालों से खेले
मन नाचे मोरा मधुबन में
कोई आने वाला है
कागा बोल रहा है आँगन में
कोई आने वाला है

मोरा आँचल गिरे आज सर से
आँख देखन को उनको है तरसे
वो आयेंगे सब कह रहे हैँ
पाँव डोले है इसके असर से
आज मस्ती है मेरे धड़कन में
कोई आने वाला है
कागा बोल रहा है आँगन में
कोई आने वाला है
कुछ हलचल है मेरे मन मेँ
कोई आने वाला है


तारीख: 30.07.2017                                    प्रमोद राजपुत









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