काट दो वह ध्वजा
जो हवा के विपरीत उड़े
राजा का आदेश है
दिन को रात
और रात को दिन कहा जाए
विचारों को डिब्बे में बन्द कर
सरकार को जमा कर दो
घरों में रोशनी ना की जाए
सूर्य पर केवल शासन का अधिकार है
उन लोगों की हत्या होगी
जो स्वयं को स्वतंत्र कहते हैं
लोकतंत्र का जनाजा उठेगा
और चिता जलाएगी स्वयं प्रजा
यह दौर उड़ने का नहीं
अनुसरण का है
आज्ञा का पालन किया जाए