मैं ख्वाब देखता हूँ

मैं ख्वाब देखता हूँ मुझे ख्वाब देखने दो,
जलती हुई आँखों से मेहताब देखने दो,

कोई छूट गया मुझ से, कोई रूठ  गया मुझ से
उन बिखरी यादों को बर्बाद देखने दो
मैं ख्वाब देखता हूँ मुझे ख्वाब देखने दो

तेरी आँखों के मंज़र ना मुझे देखने हैं,
तेरे बालों के खंजर ना मुझे देखने हैं,
इक सिसकी से लिपटी फ़रियाद देखने दो

मैं ख्वाब देखता हूँ मुझे ख्वाब देखने दो.  


तारीख: 06.06.2017                                    सौरभ पाण्डेय









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