प्रेम का आविष्कार करती औरतें  

प्रेम का आविष्कार करती औरतों 
ने ही कहा होगा 
फूल को फूल  और 
चांद को चांद 
हवा में महसूस की होगी 
बेली के फूल की महक 
उन औरतों ने ही 
पहाड़ को कहा होगा पहाड़ 
नदी को कभी सूखने नहीं दिया होगा 
उनकी सांसों से ही 
पिघलता होगा ग्लेशियर  
उन्होंने ही बहिष्कार किया होगा  
ब्रह्माण्ड के सभी ग्रहों का 
चुना होगा इस धरती को 
वे जानती होगी इसी ग्रह पर 
पीले सरसों के फूल खिलते हैं    ।।


तारीख: 07.09.2019                                    रोहित ठाकुर









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