जन्मदाता के दर्शन से,सुबह की शुरुवात हो
घर के आँगन में ही ,दिवाकर के दर्शन प्राप्त हो
न रहे कोई प्रतिशोध ,मन में न कोई अघात हो
मीठी बोली सब बोलेंगे ,मुख में न होगी गाली
अच्छे दिन तब आएंगे जब होगी खुशहाली |
जिसके दम पे मिली ख्याती, भारत कृषि प्रधान है
वो बेचारा कोई नहीं, बस भारतीय किसान है
किसानो की आत्महत्या को ,रोकना आसान है
जब किसान के चेहरों और खेतो में होगी हरियाली
अच्छे दिन तब आएंगे जब होगी खुशहाली |
राजनीत के कारन ही हम आपस में लड़ते रहते
आग न निकले फिर भी हम ,पत्थर रगड़ते रहते
दूसरों के भोजन छीन,हम खुद पेट भरते रहते
अन्धकार को चीर कर जब आएगी उजियाली
अच्छे दिन तब आएंगे जब होगी खुशहाली |
धन की लालसा ने हमें ,अपनों से दूर किया
खुद की खुशियों को ,हमने ही नासूर किया
मन के दीपक को स्वार्थ ने ,बुझने पर मजबूर किया
मन का दीया होगा रौशन घर-घर होगी दीवाली
अच्छे दिन तब आएंगे जब होगी खुशहाली ||