भ्रूण हत्या

नहीं बिकेंगे लड़के यहां अब लाखों करोड़ों में, सुना है गोदाम सारा भर गया है,
कर रहे हैं आज हत्या कोख में जिनकी, कल उन्हीं को पाना मुश्किल पड़ेगा।
तब पछताएंगे वो, जब अपने बेटों के लिये बेटियां ढूंढ़ नहीं पाएंगे,
और पांव में छाले पड़ जाएंगे।

समय ने ले ली है करवट, बदल जाएगा सब कुछ यहां अब।
लाखों मांगने वाले करोड़ों देने को तत्पर रहेंगे।
अब लग रहा है डर कि वंश आगे कैसे चलेगा।
कर रहे हैं जो पाप, उसका फल तो आखिर ज़रूर मिलेगा।

आज अपने अंश को जो कोख में ही मार रहे हैं,
उन्हें नहीं पता आने वाले कल में वो अपने वंश को ही मार रहे हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा जो नहीं मानेंगे, वो कल पछताएंगे,
और ऐसे लोग समाज के लिये घातक बन जाएंगे।

एक पर एक का अनुपात आज बिगड़ गया है,
मत बिगाड़ो इसे वरना एक दिन बहन बेटी
और पत्नी के लिये तरस जाओगे, फिर वंश कहां से लाओगे।

जिन्हें बेटी नहीं चाहिये, हे प्रभु उन्हें बेटा भी मत देना।
जब ऐसे पापियों के वंश का अंत होगा,
तभी बेटे और बेटी का अनुपात बराबर होगा।
और हे प्रभु तुम्हारा बनाया नियम तभी फिर से लागू होगा।


तारीख: 17.11.2017                                    रत्ना पांडे









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