धुआँ धुआँ सी ज़िंदगी, फूँक फूँक जल रही है..।
रुक गयी सी ज़िंदगी, मेरे साथ चल रही है..।
कभी तेरे आने से, क्या कुछ ना बदला था..।
तेरे जाने से फिर, सिरे से बदल रही है..।
अगर तुम ना जाते, तो और दूर चलते.।
अगर तुम ना जाते, तो हम ना बदलते..।
अगर ये जुदाई हम से, जुदा हो के रहती...।
सर पे सवार रहते, हम फिर ना ढलते..।
बेरुख वो लहजा ना, तुम पे जंचा था..।
काश और लज़्ज़त से, तुम मुझसे बिछड़ते..।
तुम गर ना आते, रोशनी के सरीखा..।
फिर ना परवाने बनते, हम ना मचलते..।
बहोत ही जमानों से "बरेल्वी",चाहा है तुझको..।
आज बने रहते हैं, मेरे जो कल थे..।