तुमको मैं सुनाती हूँ एक सुन्दर कहानी
वो धरती थी मेरी वो माटी थी मेरी
जिसनें मुझको बोया जिसने मुझको सींचा
वो गोदी थी मेरी जिसमें मैं थी सोयी
वो अँगना थी मेरा जिसमें मैं थी दौड़ी
वो कहती थी मुझसे जो थक जाये गर तू
तो चिंता न करना मैं तेरी ही मां हूँ
तू रख लेना सिर मैं सुला लूँगी तुझको
तू हारना न कभी हमेशा चलती रहना
जिंदगी में सदा रंग भरती ही रहना
तू चिंता न करना मैं साया हूं तेरा
अगर तू गिरी तो मैं थामूँगी तुझको
वो कहती थी मुझसे तू बेटी है मेरी
तुझसे ही भरा है ये आंचल मेरा
वो कहती थी तूने सजाया है मुझको
अपने प्यार से सँवारा है मुझको
तेरी ही थी मेहनत जो मैं लहलहायी
तेरी ही थी पूजा जो मुझको है भायी
वो कहती थी मुझसे न छोडूँगी साथ तेरा
तू उपजी है मुझसे तू मुझमें ही रहेगी