प्यार का कुनबा

हर लम्हा दिल में अपनों का ख्याल रहता है !
कुछ ख़ास कर न पाया, यह मलाल रहता है !

क्यों उलझा रहा दुनिया के गमो-गुबार ले के !
आकर इस उम्र में, मन में मेरे सवाल रहता है!

जब यह हँसते हैं,मानो चेहरे पे गुलाल रहता है!
मुस्कुराते देखता हूँ इनको, तो कमाल रहता है !

बहुत मायूस कर जाती है मुझे, उदासी इनकी !
क़ि नम आँखों के आगे मेरी, रूमाल रहता है!

जब भी मस्ती करते हैं, घर में धमाल रहता है!
नाराज़  तबियत हो , न पूछो क्या हाल रहता है!

और जो कामयाब रहूँ मैं, तो फिर क्या कहिये !
चेहरे पे नूर खिलता है इनके, और जलाल रहता है!

यह एक नायाब ख़ुशी है,जिसे क़ि कहते है कुनबा!
प्यार हर इक कोने मैं जिसके, बेमिसाल रहता है !!    


तारीख: 14.06.2017                                    राज भंडारी









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