न बचपन संग गुजारा, न रिश्ता खून का हमारा,
न स्कूल-कालेज के मस्ती भरे दिनों में, रहा साथ मेरा तुम्हारा,
स्वर और सुरों की मिठास लिये, आगमन हुआ नव-प्रागंण में तुम्हारा,
छोटी-2 बातों में खुशियां तलाशना, पसंद आया जीने का ये अंदाज तुम्हारा,
अपनत्व आँखों में-चेहरे पर मुस्कराहट, बस गया दिल में यह रूप तुम्हारा,
तुम्हारे स्नेह और दुलार की वर्षा से, नेह भीगे-भीग रहा मन हमारा,
अजनबी बन के आये थे, जुड़ गया तुमसे रिश्ता प्यारा-प्यारा
विदा हो रहे आज हमसे, नई राहें कर रही स्वागत तुम्हारा