सुन प्रिये

सुन प्रिये तूने,  क्यों ऐसा किया, 
क्यों प्यार हमारा,  भुला दिया।
हर बार ,भरोसा दे देकर, 
हर बार ,भरोसा तोड़ा है
दिल मेरा ऐसे, तड़प रहा,
जैसे तेल में, तल रहा पकौड़ा है।
मैंने तुझपर, ऐतबार किया,
हद से ज्यादा ,तुझे प्यार किया।
कसमें तूने, ऐसी खाई 
जैसे कोई खाए, चबैना को
वादे तूने, ऐसे तोड़े
जैसे कोई ,तोड़े खिलौनों को।
तेरे इस प्यार के, ख़ातिर तो,
घुट घुट कर मैंने ,ज़हर पिया

सुन प्रिये तूने, क्यों ऐसा किया, 
क्यों प्यार हमारा,  भुला दिया।
चलो माना तूने, ये भी कहा
हम तेरे लिए ,पुराने हैं,
तुझको चाहत अब, नये की है,
तेरे प्यार के ये, अब अफसाने हैं।
ग़लती तेरी , कितनी भी हो,
हर बार तुझे, मैंने माफ किया।

सुन प्रिये तूने,  क्यों ऐसा किया, 
क्यों प्यार हमारा, भुला दिया।
मेरे दिल की,अब दुआ है ये,
तुझको हरदम, खुशी मिले।
चेहरे पर तेरे, मुस्कान हो ऐसे
जैसे बगियाँ में , फूल खिले।
याद में तेरी, बीत जाएगीं,
मेरे भी दिन और रातें।
भूल जाएंगे, धीरे धीरे
तेरी कही, हुई बातें।
गम रहेगा ,मुझको इतना
हर पल मुझको ,तूने धोखा दिया।

सुन प्रिये तूने,  क्यों ऐसा किया, 
क्यों प्यार हमारा,  भुला दिया।


तारीख: 26.01.2018                                    रवि श्रीवास्तव









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