दिल की कलम से
अपने जज्बात् लिखा करता हूँ
कुछ खास नही बस
अपने ख्यालात् लिखा करता हूँ
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पहले खुद से तो हो जाऊँ रूबरू
फिर औरों से रफाकत कर लूगाँ
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इस जहाँ खुशीयों से
हम इस कदर बेखबर है
दर्द की महफिलों को
आज सबसे बडी खबर है
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हम ठुकराते रहे
मोहब्बत को आज तक
अब मोहब्बत हमें ठुकरा दे
तो हैरत क्या
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कैसे कह दूँ बेवफा
मेरे हाल पर हसँने वाली को
हर हाल में मुस्कुराने की कसम
उसे हमने ही दी थी
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