कामयाबी की सच्चाइयाँ

मसले, मुश्किले है जिंन्दगी का हिस्सा और तकलिफे है कामयाबी की सच्चाईयाँ, 

जीवन की इस आपाधापी में संग रहती है समस्याएं हर पल साये की तरह,

 

आखिर कब दूर होती है हमसे हमारी परछाईया, 

हाँ, ये तकलिफे ही है कामयाबी की सच्चाईयाँ,

 

अगर चाहते हैं बनना प्रकाश तो तपना पड़ेगा कोयले की तरह,

बेशक दूर होंगी मुश्किलें पर कुछ पल के लिए हाँ अपनो की तरह,

 

उठना गिरना तो लगा ही रहेगा तभी तो हम चढ़ सकेंगे ऊंची पर्वतों की उचाईयां,

हाँ मसले, मुश्किल है जिंन्दगी का हिस्सा और तकलीफे हैं कामयाबी की सच्चाइयाँ।


तारीख: 22.09.2017                                    शुभम सिंह









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