गंगा की गोदी में फैले,
बुद्ध के अवतार हैं हम।
वीर कुंवर के साहस हैं,
गाँधी की पुकार हैं हम।
गणतंत्र की जन्मभूमि हैं
ज्ञान के भण्डार हैं हम।
अशोक की शासन-शैली,
वात्स्यायन के काम हैं हम।
दिनकर की कविता हैं,
विद्यापति की गान हैं हम।
वाल्मीकि के रामायण हैं
शुश्रुत के चमत्कार हैं हम।
आर्यभट्ट के गणित हैं,
चाणक्य अर्थ के सार हैं हम।
तिरंगे के अशोक चक्र,
योग के आधार हैं हम।
वैभवशाली इतिहास के साथ
आज भी सबसे आगे बिहार हैं हम