छोटी सी तरक़ीब

चित्रकार के पास
रंग होते हैं
कितने ?

उनसे ही
बना देता है न
रंग बिरंगा सबकुछ

तो फिर
मेरे पास भी तो
एक थैला भरके
शब्द है
काम चल जायेगा
मेरा भी

काफी है इतना
बिखेर दूंगी
कागज़ पर
कभी सलीके से
कभी बेतरतीब

ज़िन्दगी जीने की
छोटी सी कोशिश
छोटी सी तरक़ीब


तारीख: 02.07.2017                                    स्वाति अग्रवाल




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