मेरी जिंन्दगी

मेरी जिंन्दगी एक अजीब सी कहानी है ,,
ना पास कोई , ना साथ कोई , सबसे अनजानी है ,
कुछ वक्त मिलता तो शायद बता देते ,
कैसे गुजर रही मेरी ये जिंन्दगानी है ।

ना जाने आज तक झेली इसने कितनी परेशानी है ,
दुनिया से आज भी इसकी दुरी पुरानी है,
हर पल बस गिरती और संभलती ,
ना जाने किस दर्द की निशानी है ,

अपनो का साथ ढ़ूंढ़ती पर सबसे बेगानी है ,
खुद की खुशी भी इसने नहीं पहचानी है ,
सब कुछ कुर्बान करदी ,
बस यही मेरी कहानी है ।


तारीख: 02.07.2017                                    निशांत









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