अंत में प्रेमी उदासीन हो जाता है,
वो भागता है हर उस भाव से दूर
जिसमें प्रेम दिखता है।
कवि फिर से कविता लिखने लगता है,
वो भागता है हर उस भाव की ओर
जिसमें प्रेम दिखता है।
प्रेमी होने से कवि होना अधिक श्रेष्ठ है।
हालांकि दोनों का विज्ञान एक ही है,
दोनों ही लाभ - हानि के गणित से अनभिज्ञ है।