छाप छोड़ते है सहज और सरल व्यक्तित्व

सदी के महानायक से विभूषित श्री अमिताभ बच्चन की उपलब्धियों का जिक्र आते ही स्मृति में चलचित्र की भाँति उभरती है सशक्त भूमिकाओं एवं दमदार अभिनय से भरपूर सफल फिल्मों की लम्बी फेहरिस्त, बुलन्द आवाज, कौन बनेगा करोड़पति की अपार सफलता एवं उसके साथ जुड़े अनगिनत यादगार लम्हें । केबीसी के दौरान हॉट सीट पर बैठे प्रतियोगी, उनके परिजन एवं फोन अ फ्रेंड के माध्यम से हुए वार्तालाप के दौरान उनके प्रशंसक ऐसी-2 इच्छायें उनके समक्ष जाहिर करते रहे है जिन्हें पूर्ण करने के लिये उन्हें कई बार असहज स्थितियों से गुजरना पड़ा होगा लेकिन फिल्म जगत की महान हस्ती श्री बच्चन लेशमात्र भी अहंकार का प्रदर्शन न करते हुए सहजता एवं सरलता से उन सभी माँगों को पूरी करते हुए अपने अनूठे अंदाज एवं व्यवहार से हर दिल को अपना कायल बना लेते है। परिणामस्वरूप जन-मानस में उनकी जो छवि प्रतिष्ठित हुई है वह है सहज एवं सरल व्यक्तित्व के स्वामी श्री अमिताभ बच्चन । दूसरी मिसाल मास्टर ब्लास्टर सचिन तेन्दुलकर इस सहज एवं सरल व्यक्तित्व की छवि को गरिमा प्रदान करते हुए उसमें चार-चाँद लगाते नजर आते है। इस सहजता एवं सरलता ने न केवल इनकी यश-गाथा और प्रसिद्दि में बढ़ोतरी की है बल्कि प्रशंसकों ने इन्हें भगवान का दर्जा भी प्रदान कर दिया है। 

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सर्वगुण सम्पन्न इन दोनों शख्सियतों एवं बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी इनके समरूप लोगो का प्रसिद्धी के इस मुकाम पर पहुँचकर सहज-सरल बने रहना अकल्पनीय एवं अविश्वसनीय सा लगता है लेकिन साथ ही यह सुखद अहसास जगाता है कि करोड़ो की इस दुनियाँ में ये व्यक्ति उन सभी लोगों के लिये सबक है जो इस गलतफहमी में जीते है कि हमारे पास दुनिया का समस्त ऐश्वर्य एवं शक्ति-सामर्थ्य उपलब्ध है और हम जो चाहे करें-हमारी ताकत को कोई ललकार नहीं सकता है और तमाम अच्छाईयों के बावजूद वे एक दिन रसातल में जा पहुँचते है । 

हर बात में उनकी झलकता है दंभ चेहरे से
वो इंसान और होंगे अहंकार जिन्हे छू नहीं पाता ।

कहीं सभ्रांत होने का दर्प है तो कोई उजले रूप-रंग पर इतराता है, किसी को ताकत का सुरूर (नशा) है तो किसी को अपनी विद्वता पर अभिमान है। आत्ममुग्ध होने में कोई बुराई नहीं है और न ही अपनी विशिष्टताओं पर हमे गर्व करने से कोई परहेज होना चाहिये लेकिन आत्ममुग्धता एवं गर्व के इन भावों को कदापि घमंड में परिवर्तित नहीं होने देना चाहिये। 

श्रंगार फूलों का अनुपम-अलौकिक न होता 
सौम्य हाथों से कुदरत ने सजाया होगा शायद ।

सच्चाई की एक अलग आभा होती है जो विविध सौन्दर्य प्रसाधनों के प्रयोग के बाद चेहरे पर आने वाली चमक से सैकड़ो गुना कांतिमय होती है। मन से सरल एवं निष्कपट लोग जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए सदैव तनावरहित रहते है। उनकी समस्त ऊर्जा सदविचारों के साथ निरंतर स्वयं को विकसित करने एवं अच्छे कार्यों में खर्च होती है । इन चेहरों की तेजस्विता का शायद यही रहस्य है । 

सहज एवं सरल व्यक्तित्व हर मन को लुभाते है | रूखा एवं कठोर व्यवहार जहाँ समस्या को भयावह बना सकता है वहीं समस्या का निवारण तुरंत न कर पाने की स्थिति में भी आपकी मुस्कराहट एवं संतुलित व्यवहार उबलते क्रोध पर शीतल पानी की फुहारें डाल पीड़ित व्यक्ति को त्वरित राहत प्रदान कर सकती है। प्रतिमाह मिलने वाले वेतन की एवज में कार्यस्थल पर दैनिक काम-काज तो सभी लोग निबटाते है, आबंटित कार्य को रचनात्मकता प्रदान करते हुए बिना किसी रिमाइंडर के त्वरित गति से कुछ इस तरह से सम्पन्न करें कि आपके उच्चाधिकारी आपके कार्य की प्रशंसा करने से स्वयं को रोक न पाये, यही उत्कृष्ट कार्य संपादन है और हमारी सेवाओं से प्रफुल्लित व्यक्ति हमारे आचरण-व्यवहार का गुणगान दूसरों के समक्ष कर पाये, यही उत्कृष्ट सेवा है।

परिंदों को मिलेगी मंजिल यकीनन,
ये फैले हुए उनके पर बोलते है
वही लोग खामोश रहते है अक्सर,
जमाने में जिनके हुनर बोलते है । 

कुछ लोग सतही प्रयास के बलबूते वाहवाही लूटने की कला में निपुण होते है । सुन्दर-सा दिखने वाला प्रस्तुतिकरण हमेशा गुणवत्ता और बुद्दिमत्तता का परिचायक नहीं होता है। दूसरी ओर सहज एवं सरल स्वभाव के व्यक्ति सिर्फ कार्य करने में विश्वास रखने के कारण कई बार सुर्खियों में नहीं आ पाते है किंतु प्रतिभा कभी छिपी नहीं रह पाती है और अपनी बुद्दिमता, व्यवहार एवं आचरण से अपनी छाप छोड़ते हुए ऐसे लोग अंततोगत्वा अपनी एक विशिष्ट पहचान कायम कर ही लेते है। अतः यदि हम सरलता एवं सहजता में विश्वास रखते तो औरों से तुलना करने की बजाय स्वयं को निरंतर निखारते रहे और सरल एवं सहज बने रहें ।


तारीख: 08.06.2017                                    भारती जैन









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