स्टोरी टेलर कमल काबुलीवाला से बातचीत

एक युनीक शैली में कहानी कहने के लिए प्रसिद्ध  कमल काबुलीवाला और सपेरे लगाएंगे मजमा और मनाएंगे जष्न, जश्न गंगा नदी का । जी हाँ गंगा नदी के उद्गम, जन्म, और बॉलीवुड से इसके रिश्तों को दर्शाएंगे बीन तुम्बे और ढोल की धुनों पर ।
जशने गंगा मनाता है जश्न विश्व की सबसे बड़ी नदी का । जश्न ए गंगा में लगता है  धर्म, आस्थाविज्ञान, सवालजवाब, हास्यव्यंग्य, बातचीत और नाच का “मजमा’ । प्रस्तुत है मजमाकार कमल काबुलीवाला से  “दिल्ली रिटर्न” कहानी संग्रह के लेखक मनीष ओझा की बातचीत का एक सम्पादित अंश , या यूँ कहें एक साक्षात्कार।

Kamal Kabuliwala

1.    क्या आपको लगता है कि गंगा नदी सचमुच साफ़ की जा सकती है ? ऐसा मैं इसलिए पूछ रहा हूँ क्यूंकि मैं गंगा नदी की स्वक्षता को लेकर काफ़ी निराश हो गया हूँ ।
इसीलिए तो मैं यहाँ इस मेले में जशने गँगा का मजमा लगा रहा हूँ । गंगा नदी पूरी तरह से गन्दी नहीं है । केवल कुछ हिस्सों में गन्दगी अधिक है । जिसे लोगों को जागरूक कर साफ़ किया जा सकता है और गंदगी फ़ैलाने से रोका जा सकता है । इसी दिशा में हमारा मजमा कार्य करता है । आप आशावादी रहें हमारे मजमे का आनंद  लें और गंगा को साफ़ करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें ।

2.    सपेरों को जशने गँगा से जोड़कर देखने का ख़याल और मकसद क्या था ? 
गंगा एक महानदी है और एक नदी को सिर्फ पानी से जोड़कर नहीं देखा जा सकता । गंगा एक विचारधारा है ,कम से कम हिन्दुस्तानियों के लिए तो ज़रूर । कइयों के लिए गंगा का महत्त्व धार्मिक तौर से जुड़ा हुआ है और कइयों के लिए ये वैज्ञानिक दृष्टिकोण से एक अजूबा है । जिस तरह से भारत को गंगा नदी का देश कहा जाता है उसी तरह से सपेरों का देश कहकर भी बुलाया जाता है इसीलिए देश की दोनों पहचानो को साथ में लेकर चलना और देखना एक स्वाभाविक सी सोच थी ।

3.    किस तरह से जश्न मनाया जा रहा है जशने गंगा में ?
मजमा का मतलब ही आनंद है । मजमे के ज़रिये अगर दर्शकों से कोई ज्ञान की बात भी करनी होगी तो वो हंसी मज़ाक के ही शैली में की जाएगी ।

4.    आपके लिए गंगा के क्या मायने,  क्या अर्थ है ? 
लाखों लोग गंगा नदी पर रोज़ स्नान करते हैं और गंगा का पानी पीते हैं । ये गंगा जैसी महा नदी का प्रयोग नहीं बल्कि जश्न  है  . इसीलिए हमने इस मजमे का नाम भी जशने गंगा दिया है । जिस तरह त्यौहारों पर घरों की सफाई की जाती है अगर गंगा नदी का त्यौहार रोज़ मनाया जाता है तो इस की सफाई भी रोज़ होनी आवश्यक है ।

Story teller Kamal Kabuliwala Interview

5.    जशने गंगा के ज़रिये आपने अपने मजमे में गंगा नदी को किन बॉलीवुड के तारों के साथ जोड़ने और बुनने की कोशिश की है ? 
बॉलीवुड के साथ जोड़ मेल बिठाने की ज़रूरत नहीं पड़ी । गंगा नदी का रिश्ता बॉलीवुड के साथ बहुत पुराना है । हमें बस इस रिश्ते की गांठे ढूंढनी थी और जनता को एक सिलसिलेवार तरीके से पिरोकर दिखानी थी । बहुत से फ़िल्मी गाने जैसे  "राम तेरी गंगा मैली हो गयी ",  "ओ हरे ताल मिले नदी के जल में नदी मिले सागर में " काफी मशहूर रहे हैं । बहुत से गानो फिल्मी करण गंगा नदी किनारे किया गया है । यहाँ तक की मसान जो कि काफी नयी फिल्म है और विक्की कौशल जैसे अभिनेता गंगा नदी पर अंतिम संसार करने वाले का अभिनय करते नज़र आ रहे हैं ।

6.    गंगा नदी के इर्द गिर्द कोई कहानी जो आप साझा करना चाहें ? 
मजमे में आइये कहानी क्या खूब सारा संगीतमय मज़ा भी लूटकर जाइएगा ।

7.    दिल्ली में यमुना नदी की हालत भी काफी ख़राब है । यहाँ तक कि यमुना को नदी की जगह नाला भी कहा जाता रहा है । क्या आप यमुना नदी पर भी एक उम्दा जानदार मजमा लगाना चाहेंगे ? 
क्यों नहीं ? लोग यमुना नदी किनारे अपने जन्मदिन, अपनी सालगिरह और पिकनिक मनाना शुरू कर दें । यमुना नदी पर नावें चलनी शुरू हो जाएँ तो देखिये क्या नज़ारे होंगे । अगर हम शहर के नागरिक अपनी नदियों की सुरक्षा और रख रखाव की ज़िम्मेद्दारी अपने हाथों में ले लें तो सरकारें ख़ुद बख़ुद ज़रूरी क़दम उठाना चालू कर देंगी जिस से नदियां नदियों की तरह देखी जाएँ ना कि नालों की तरह ।
 


तारीख: 07.12.2019                                    मनीष ओझा









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