अब मुझे बस दो कहानी याद है,
इक मेरा बचपना, तेरी जवानी याद है।
भीड़ में तेरा नज़रें चुराना भूल गया,
अँधेरी रातों की मेहरबानी याद है।
तुझसे मिलना तो एक मुकाबले जैसा था,
मुझे आज भी मौसम तूफानी याद है।
तुम सा ही नमकीन, थोडा तीखा और चटपटा,
क्या तुम्हे उस गुपचुप का पानी याद है?
रेशमी बाल, कमर का तिल , और मत पूछो क्या क्या...
मुझे तेरी हर निशानी याद है।