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ग़जल / शायरी - पढ़िए हमारी नयी रचनाये
आइना मुझको दिखाता है कलम - ऋषभ शर्मा रिशु
कौन है तू मेरा तुझसे रिश्ता क्या - रामकृष्ण शर्मा बेचैन
चले आओ - रामकृष्ण शर्मा बेचैन
एक दूजे को भुलाकर देखते है - ऋषभ शर्मा रिशु
फूल हूँ अंगार नही हूँ - ऋषभ शर्मा रिशु
तुझको पाने को दिल ये बेताब नही होता - ऋषभ शर्मा रिशु
मोहब्बत होने को है - रामकृष्ण शर्मा बेचैन
कभी तो मेरे बुलाने से आ - रामकृष्ण शर्मा बेचैन
इश्क में जब उसको, खुदा दिखाई देता है - रामकृष्ण शर्मा बेचैन
हो मुमकिन तुझ पे तो साँसे वार दूँ - ऋषभ शर्मा रिशु
तेरी यादों का तूफाँ इस कदर आया था - ऋषभ शर्मा रिशु
उम्र भर रिश्ता जिससे निभाया है - ऋषभ शर्मा रिशु
मेरी गली से जो तू गुजरने लगी है - ऋषभ शर्मा रिशु
अपनी नज़रों का भरम बनाये रखना - ऋषभ शर्मा रिशु
आज कुछ अनसुनी दास्तान लिख रहा हूँ आज कुछ अनसुनी दास्तान लिख रहा हूँ आज कुछ अनसुनी दास्तान लिख रहा हूँ - ऋषभ शर्मा रिशु
न जाने एक आस सी जगी क्यू है - ऋषभ शर्मा रिशु
बेचैनी का सबब - रामकृष्ण शर्मा बेचैन
तुझे भुलाने में कुछ कमी रह गयी - अर्पित गुप्ता
प्यार के जज़्बात को क्या क्या समझता था - देवांशु मौर्या
कब मैं अपने जख्मों का सबसे गिला करता हूँ - मोहन
किस दरम्याँ हूँ कर दुआ पूछता हूँ - रवि कान्त मोंगा
है फरेबी ये किसी को भी तू सच्चा न समझ - देव मणि मिश्र
ये तुम्हारा मुझको सताना ठीक नहीं - ऋषभ शर्मा रिशु
साधू-संतो से नीचे भगवान् हो गए - ऋषभ शर्मा रिशु
एक रस्म मुझको निभाने दो - ऋषभ शर्मा रिशु
ख्वाब उसने ये सजाया क्यूँ नहीं - ऋषभ शर्मा रिशु
आ भी जा - रामकृष्ण शर्मा बेचैन
नजदीकियाँ बड़ी हैं - रामकृष्ण शर्मा बेचैन
तेरी आँखों की बगावत - ऋषभ शर्मा रिशु
मेरे मुल्क का मौसम खुशगवार नही है - ऋषभ शर्मा रिशु
बहुत तड़पाया है तुमने मुझे हर बार होली में - देवांशु मौर्या
तेरी यादों के सहारे ही जीये जा रहा हूँ - देवांशु मौर्या
फूल सी कोमल होती हैं बेटियां - देवांशु मौर्या
देख कर इक झलक ही नशा हो गया - देवांशु मौर्या
मुझपर तेरे प्यार का असर भी तो आयेगा - ऋषभ शर्मा रिशु
तेरे होंठों पे मेरे लिए - अर्पित गुप्ता
मरहम की जरूरत है - अर्पित गुप्ता
दावत-ए-इश्क़ - अर्पित गुप्ता
मेरे दिल में तुम्हारी तस्वीर है - अर्पित गुप्ता
आज फिर अनकहे पैगाम लिख रहा हूँ - आकाश जैन
आँखों में इश्क़ का समंदर - ऋषभ शर्मा रिशु
मैं चलता हूँ - रामकृष्ण शर्मा बेचैन
अनुकम्पा पुरूस्कार - उत्तम दिनोदिया
खूबसूरत यूँ आपके इशारे न होते - देवांशु मौर्या
चेहरा इक तेरा महताब लगता है - ऋषभ शर्मा रिशु
भूलकर ये गुनाह मत कीजे - ऋषभ शर्मा रिशु
कदम से कदम - देवांशु मौर्या
इंतजार उनका है - देवांशु मौर्या
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कविता: मेरे गाँव से निकली पगडंडी - अंकित मिश्रा
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