Follow us:
मुखपृष्ठ
जरुरी सूचनाएं
सर्वप्रिय रचनायें
अपनी रचना भेजें
हमारा परिचय
परिचय
रचना
रचनाकार
परिचय
मुखपृष्ठ
जरुरी सूचनाएं
सर्वप्रिय रचनायें
अपनी रचना भेजें
हमारा परिचय
रचना
कविता
लघुकविता / शेर / मुक्तक
शायरी / ग़ज़ल
गीत
कहानी
लेख
हास्य / व्यंग
मनोरंजन
पुस्तक - समीक्षा
हिंदी-क्लासिक
रचनाकार
कवि / शायर
कहानीकार
लेखक / समीक्षक
रचनाएँ खोजिये
ग़जल / शायरी - पढ़िए हमारी नयी रचनाएं
कब जले कब बुझे - मारूफ आलम
खेलन को होली - निज़ाम- फतेहपुरी
मलो रंग गुलाल होली में - अविनाश ब्यौहार
यूँ तो महबूब की - आकिब जावेद
शायर बहुत हुए हैं - निज़ाम- फतेहपुरी
मैदान-ए-जंग - निज़ाम- फतेहपुरी
इंसानों से क्या गुनाह हुए - मारूफ आलम
सब कोशिशें फिर नाकाम हुईं - मारूफ आलम
मुझसे आख़िर वो ख़फ़ा क्यूँ है - संदीप कुमार तिवारी बेघर
बारिशें हैं पर्वतों में - अविनाश ब्यौहार
और कितना बवंडर - मारूफ आलम
इंसानियत का दुश्मन - मारूफ आलम
मेरे आग़ोश की गर्मी को महसूस किया करना - जॉनी अहमद क़ैस
बदज़ुबानी भी मेहरबानी भी - आकिब जावेद
रास्तों के बवंडर - मारूफ आलम
सारे जहाँ में कोई अपना नहीं हमारा - निज़ाम- फतेहपुरी
तुमको ताब क्यों नही है - मारूफ आलम
कश्तियों के समुंदर - मारूफ आलम
बातों ही बातों मे - मारूफ आलम
इबादतों की दुनियाँ - मारूफ आलम
क्या बात हुई - मारूफ आलम
इज्जत गई शोहरत गई - मारूफ आलम
आईनों पर दाग - मारूफ आलम
जिस्म थे नुमाइश थी - मारूफ आलम
मिलने को व्याकुल - मारूफ आलम
म्यूच्यूअल फंड - सोनल ओमर
लापता काफिलों की एक कश्ती - मारूफ आलम
दिल के मचल रहे मेरे - निज़ाम- फतेहपुरी
किसे मैं सुनाऊँ - निज़ाम- फतेहपुरी
देखो दिवस मख़मूर हैं - अविनाश ब्यौहार
ग़ज़ल में ग़मों के तराने लिखे - आकिब जावेद
मुद्दा कोई भी उछालो मगर एहतराम के साथ - मारूफ आलम
बेनूरी है अब नजारों पे क्या लिक्खा जाऐगा - मारूफ आलम
दिल के अंदर छुपा दर्द बयां नजर आता है - मुसाफ़िर
चेहरे पर हैं मुस्कान, आँखें हैं नम, ज़रा पूछो तो - मुसाफ़िर
रात भर तारे चुने थे सपने सजाने के बाद - मुसाफ़िर
इंसानों के खूंखार चेहरों से डरते हैं अब - मारूफ आलम
रूह कब्ज करो,हथेली पे जान को उतारो - मारूफ आलम
खामोशी से कमजर्फों की तरह हम - मारूफ आलम
जुबां पे सत्ता का जब पहरा हो जाता है - मारूफ आलम
तूने जो कही थी मन मे वो बात दबी है अबतक - मारूफ आलम
कौन करे इस मसले मे बात हमारे मन की - मारूफ आलम
किस्मत का लिखा झोल झाल बदल देंगे - मारूफ आलम
तेरे पैंतरे को तेरे दंगल को खूब समझते हैं - मारूफ आलम
किसी को दिल के ज्यादा पास नहीं रखता - मारूफ आलम
तेरी आँखों का सागर हो गया हूँ - आकिब जावेद
कुछ किस्से और कुछ कहानी छोड़ आए - सलिल सरोज
ये कैसी बेख़बरी है - सलिल सरोज
Load more
पढ़िए ये रचनायें भी
लेख: जानकी का घर आलोक कौशिक
शायरी ग़ज़ल: वे झूठे वादे करते हैं अविनाश ब्यौहार
मनोरंजन: मिस्टर और मिसेज अय्यर: एक यात्रा जो दिलों को छू जाती है यायावर
मनोरंजन: रेनकोट: प्रेम यादें और बारिश की एक अद्भुत यात्रा फ़िल्मी चुम्बक
कविता: सपने जॉनी अहमद क़ैस
शायरी ग़ज़ल: तेरे शहर में फिर से आना चाहता हूँ मैं सलिल सरोज
Load more
रचना-श्रेणी
कविता
लघुकविता / शेर / मुक्तक
शायरी- ग़ज़ल
गीत
कहानी
लेख
हास्य / व्यंग
मनोरंजन
पुस्तक - समीक्षा
हिंदी-क्लासिक
रचनाकार श्रेणी
कवि / शायर
कहानीकार
लेखक / समीक्षक
रचनाएँ खोजिये
साहित्य मंजरी - sahityamanjari.com