Follow us:
मुखपृष्ठ
जरुरी सूचनाएं
सर्वप्रिय रचनायें
अपनी रचना भेजें
हमारा परिचय
परिचय
रचना
रचनाकार
परिचय
मुखपृष्ठ
जरुरी सूचनाएं
सर्वप्रिय रचनायें
अपनी रचना भेजें
हमारा परिचय
रचना
कविता
लघुकविता / शेर / मुक्तक
शायरी / ग़ज़ल
गीत
कहानी
लेख
हास्य / व्यंग
मनोरंजन
पुस्तक - समीक्षा
हिंदी-क्लासिक
रचनाकार
कवि / शायर
कहानीकार
लेखक / समीक्षक
रचनाएँ खोजिये
ग़जल / शायरी - पढ़िए हमारी नयी रचनाएं
तेरी राह का पत्थर ही सही, तेरी राह में तो हूँ - सलिल सरोज
यह इतिहास है गौर से पढ़िएगा - सलिल सरोज
तेरी आँखों से ही कोई रास्ता निकल आए सही - सलिल सरोज
ये चाक जिगर के सीना भी जरूरी है - सलिल सरोज
मोहब्बत हो गई अब तो ख़जालत छोड़ दो जानां - ऋषभ शर्मा रिशु
अच्छा था मेरे दर से मुकर जाना तेरा - सलिल सरोज
इस कागज़ी बदन को यकीन है बहुत - सलिल सरोज
उसने लगाया जो गले मुझे - सलिल सरोज
जो गीत मैं अपने वतन में गुनगुनाता हूँ - सलिल सरोज
बादल बना है फिर सवाली - सलिल सरोज
कुछ तो समझिए,ये मुआमला इश्क़ का है - सलिल सरोज
रिश्ते निभाने में बहुत वक़्त लगता है - सलिल सरोज
ज़िन्दा हैं तो मुँह खोलते क्यूँ नहीं - सलिल सरोज
आँखों का काजल देखा - सलिल सरोज
जितना मिला मुझसे, सारे दे दो - सलिल सरोज
खर्चें बहुत है और हम बेरोजगार है अभी - नरेश गुर्जर
कोई क़यामत न कोई करीना याद आता है - सलिल सरोज
कल रात मैने एक ख़्वाब देखा है - देव रावत देव
दिल की आवारगी का कोई ठिकाना कर दो - देव रावत देव
आग लगाने वाले आग लगा चुके - सलिल सरोज
इश्क़ का भ्रम यूँ बनाते रहिए - सलिल सरोज
जीना मुश्किल,मरना आसान हो गया - सलिल सरोज
हर रोज़ ही कोई नई खता चाहिए - सलिल सरोज
मेरी बातों पे गौर कीजिए जरा - सलिल सरोज
वो सीने से लगकर यूँ रो दिए - सलिल सरोज
कोई रोज़ सही कोई लम्हा भी ऐसा हो - सलिल सरोज
जो तुम चाहते हो बस वही मान लेते हैं - सलिल सरोज
दो कदम साथ चलिए मेरे - सलिल सरोज
अब कैसे कृष्ण , कैसे राम निकलेगा - सलिल सरोज
जिसे जन्नत कहते हैं, वो हिन्दुस्तान हर घड़ी दिखाएँगे - सलिल सरोज
तुम्हारी महफ़िल में और भी इंतज़ाम है - सलिल सरोज
माना वक़्त बुरा है तो मर जाएँ क्या - सलिल सरोज
मैं भी न सोया,वो भी तमाम रात जागते रहे - सलिल सरोज
कुआँ सूख गया गाँव का,पानी खरीदते जाइए - सलिल सरोज
वो जो अपने होंठों पर अंगार लिए चलते हैं - सलिल सरोज
जरूरी तो नहीं - सलिल सरोज
सुना है कि आप लड़ते बहुत हैं - सलिल सरोज
लिखना है तो बादलों पे इबारत लिखो कोई - सलिल सरोज
तुम्हारी चाहत में - मनीषा शिखर
इतने भी नही - हरप्रीत कौर प्रीत
ज़ुल्फ़ों को चेहरे पे कितना बेशरम रखते हैं - सलिल सरोज
मोहब्बत हो गई अब तो ख़जालत छोड़ दो जानां - ऋषभ शर्मा रिशु
मैं जितना ही हूँ,उतना तो जरूर हूँ - सलिल सरोज
जो परिन्दे डरते हैं हवाओं के बदलते रूख से - सलिल सरोज
कभी खुद का भी दौरा किया कीजिए - सलिल सरोज
खत मेरा खोला उसने सबके जाने के बाद - सलिल सरोज
वो क्यों हैं परेशान , ज़रा पूछो तो - सलिल सरोज
न जाने किनका ख्याल आ गया - सलिल सरोज
Load more
पढ़िए ये रचनायें भी
कविता: पहलगाम का घाव मुसाफ़िर
कविता: पेड़ों की चीख और सोशल मीडिया का शोर मुसाफ़िर
कविता: ताला और चाबी मुसाफ़िर
कविता: घोड़ों का मौन इतिहास मुसाफ़िर
लेख: जानकी का घर आलोक कौशिक
शायरी ग़ज़ल: वे झूठे वादे करते हैं अविनाश ब्यौहार
Load more
रचना-श्रेणी
कविता
लघुकविता / शेर / मुक्तक
शायरी- ग़ज़ल
गीत
कहानी
लेख
हास्य / व्यंग
मनोरंजन
पुस्तक - समीक्षा
हिंदी-क्लासिक
रचनाकार श्रेणी
कवि / शायर
कहानीकार
लेखक / समीक्षक
रचनाएँ खोजिये
साहित्य मंजरी - sahityamanjari.com