बचपन-कचपन, बुढ़ा-पकपन,
सरल-सहज, व्यथाएं पचपन,
नागर निडर, हियाय खनखन
चापर चपल, पिराय तनमन।
डग-भर डगर, थकाये आँगन,
नटवर नज़र, दुखाए दामन,
अल्लड़ मस्त, संभाले जरा-धन,
काफिर-कहर, सहारे अनबन।
रंग बिरंग, मन फीके सावन,
अंग मलंग, लाठी के आवन,
ढंग-बिढंग, विराने दरपन,
संग-तरंग, विचारे पलछिन।
कल-कल किलक, कराहे कण-कण,
मादक मदन, मनाहे मन-मन,
सरपट सहर - सकल संसारा,
अंग अपंग - पसारे पसरन।
मावठ मगन, मज़ार-ए-माघन,
सागर शरद, उजाड़-ए-बागन,
दिनकर दमन, गुजारे गिन-गिन,
जग-जग जतन, जुहारे जन-जन।
कल्पित कल्प, विकार-ए-बकपन,
चिंतन अल्प – वाह रे लड़कपन!
जर-जर हाल, विचार विचारा,
दुख-सुख दरख, बुढ़ापा-बचपन।