ढूंढा हमने तुम्हें
दिन के उजालों में
रातों के अंधेरों में
सूरज की धूप में
चन्दा की छांव में
पर मिलें तुम
मन की गहराइयों में
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ढूंढा हमने तुम्हें
बसंत के सवेरों में
पतझड़ की शामों में
कोयल की चहचाहट में
पेड़ों के पत्तों में
पर मिलें तुम
पक्के इरादों में
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ढूंढा हमने तुम्हें
बरसा की बूंदों में
नदियों के किनारों में
बगीचे के फूलों में
खेतों की फसलों में
पर मिलें तुम
ईमानदार इन्सानों में
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ढूंढा हमने तुम्हें
जहाजों की उड़ानों में
रेल के डिब्बों में
बसों के अड्डों में
सड़कों के गड्ढों में
पर मिलें तुम
सच्ची चाहतों में
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ढूंढा हमने तुम्हें
सुंदर मंदिरों में
मस्जिद की सीढ़ियों में
धार्मिक पुस्तकों में
व्रतों और उपवासों में
पर मिलें तुम
जन की सेवा में