सूना तो था
जिन्दगी वेबजह सताती है
दर्द के आँसू रूलाती है
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जानता तो हूँ
जिन्दगी एक परीक्षा है
हर बार चुनाव चाहती है
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पर समझा आज है
जिन्दगी क्या है ?
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कई बार फिसलना है
पर हर बार संभलना है
जिन्दगी एक बेबसी है
टूट कर बिखरना
और बिखर कर सँवरना है
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पर समझा आज है
जिन्दगी क्या है ?
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नियति की सुन्दर तस्वीर नहीं
कोशिश और मेहनत का परिणाम है
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पर समझा आज है
जिन्दगी क्या है ?
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हर जड़ता, हर पाप,
हर क्रोध का हिसाब होगा
धैर्य ही सही चुनाव होगा
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पर समझा आज है
जिन्दगी क्या है ?