ना आना इस पार मेरी लाडो
मिलेगी तुझे बस हार मेरी लाडो
कोख में आते ही छीन लेते हैं हक़ जीने का
फिर मंदिरों में जिमाते हैं कन्या दस बार मेरी लाडो
मांगते हैं मन्नत गिर कर पैरों में जिस देवी की
उसी के घर आने पे करते हैं तिरस्कार मेरी लाडो
बहन अपनी तो रहती है सात पर्दों में बंद
दूसरे की बहन को करते हैं बेपर्दा भरे बाजार मेरी लाडो
कभी जलाते हैं आग से तो कभी तेज़ाब से
पैसे और हवस के हैं ये ठेकेदार मेरी लाडो
अब जब तू आना तो आना काली के अवतार में
जो करे इन सामाजिक असुरों का संहार मेरी लाडो