कभी जो सर पे लगी धूप तो
पाँव को मुश्किल,
कभी जो हुई पुर्णिमा तो
सितारों को मुश्किल,
कभी जो चले आँधी कोई
शाखाओँ को मुश्किल,
कभी जो बिछड़े आप कोई
आप को मुश्किल,
कभी जो ढूंढें लम्हात कोई
वक्त को मुश्किल,
कभी जो फिसले जज़्बात कोई
आँख को मुश्किल,
कभी जो टूटे विश्वास कोई
हर बात को मुश्किल,
कभी जो याद आ जाये कोई
मेरी इन कविताओँ को मुश्किल।।