ओस की बूंदें, चाँद का प्रकाश

Musafir ki chayavad kavita sahitya manjari

ओस की बूंदें, चाँद का प्रकाश,
रात की शांति में, गूँजता अनुराग।
फूलों की खुशबू, रातरानी का स्वागत,
नीले गगन में, तारों का नृत्य।

सूरज की पहली किरण, कोहरे का आवरण,
जीवन की उम्मीद में, नई सुबह का आगमन।
झील की चुप्पी, प्रकृति का संगीत,
मन की गहराइयों में, अनसुने गीत।

पतझड़ के पत्ते, समय की चाल,
स्मृतियों के झरोखे से, देखें जीवन का हाल।
बारिश की बूँदों में, भीगी सी ख्वाहिशें,
आकाश की बाहों में, खोजें अपनी परिभाषाएँ।

शाम की लालिमा, कविता का आलाप,
अंतहीन यात्रा में, आत्मा का संताप।
 


तारीख: 18.01.2024                                    मुसाफ़िर









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