राजनीति की कसौटी

सबको पछाड़कर 
आगे बढ़ने की कला में 
वह निष्णात था।
दूसरों के अधिकारों में सेंध लगाते हुए 
उसे अक्सर देखा जा सकता था।
कईं बार वह औरों को धकियाने से भी 
परहेज़ न करता था।
शीर्ष पर पहुँचने की उसकी लालसा 
उसकी आँखों में 
बल्ब की तेज़ रोशनी की तरह 
कभी भी चमक उठती।
दूसरों के कानों में 
बातों की बत्ती डालकर घुमाने का 
उसका अपना अंदाज था।
राजनीति की गुणवत्ता की कसौटी पर 
जब उसे परखा गया 
तब वह उस पर 
शत-प्रतिशत खरा पाया गया


तारीख: 13.09.2019                                    ऋतु त्यागी




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है