तुझे देख जीने की कोशिश कर रहा हूं
विश्वास कर तेरी आरजू में
अपनी सारी दुआए तेरे नाम कर रहा हूं
भीगा - भीगा दामन
सूखा - सूखा हर पल
तेरी यादों का एहसास फूल खिलाता
तेरी प्रीत से महका मेरा हर कल
कल को साथ लिए
तन्हाई की चादर ओढ़
चाँद से क्या दिल लगाये
जब परछाई अपनी हो गई ओझल
पर हवाओ संग
तेरी खुशी महसूस कर
शांत विरानो की महफिल में मची हलचल
फिर चल पड़ा कारवां
तेरी यादो की बारात लेकर
आरजू में अपनी तुझको साथ लेकर
थक जाते मगर
सो जाते मगर
पर ये भी नसीब कहां
तेरे पैरों में कांटा चुभ जाने का डर था
दुआओ का ताजमहल टूट जाने का डर था
फिर क्या मुहं दिखाते तुझे हमसफर
मेरा आईना टूट जाने का डर था
विस्वास करना हमदम मेरे
मेरे अरमानो की तस्वीर का रंग
तेरे आंसुओ से धुल जाने का डर था
इसलिए पलको से संवार दी तेरी राहें
कांटे चुन फूलों को खिलाकर
पतझड़ को भूल बहारों से दिल लगाकर
माफ कर देना
कभी हमको याद करने वाले
मुश्किल है तुझे ये बताना
ऐसा कर हमें क्या मिला
गागर मिली या सागर मिला
परंतु हमसफर उस पल
नैनो पे रहम करना
मगर काजल से प्रेम करना
इन नैनो का ही तो कर्म है मुझपर
मत गिरने देना उस पल
नैन कमलो से शबनम सी अनमोल बुंदे
ये छोटी सी मेरी
आरजू का कर्ज है तुझपर
सोच लेना
मैं शब्दो का पूजारी
तेरे नैनो के लिए
आखिरी नज्म
साज उठा
संगीत अधूरा छोड़ चला