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तो चलें, कुछ अल्फ़ाज़ों की बात करते है
कुछ मेरे, कुछ आपके ज़ज़्बातों की बात करते है
तो चलें, कुछ सच्चाइयों की बात करते है
इन उजालों में आई परछाइयों की बात करते है
तो चलें , कुछ सपनों की बात करते है
कभी न हो सके उन अपनों की बात करते है
तो चलें, कुछ तनहाइयों की बात करते है
कुछ हमारी कठिनाइयों की बात करते है
तो चलें ..........