दिल के दर्द की कोई दवा नहीं ,
अधूरी मुहब्बत का कोई गिला नहीं ,
दर्द तो इस बात का है कि ,
दिल तोड़ने से पहले कुछ कहा ही नहीं |
यूँ तो बहुत लोग आते है जीवन में ,
हसाते है, रुलाते है, एक हद तक साथ निभाते है ,
पर जिसका साथ निभाने की इच्छा थी ,
उसने अपना हाथ कभी दिया ही नहीं|
खुशियां और गम जीवन का पहलु है,
अपनों का साथ हो तो गम भी बुरा नहीं ,
पर दिल जिसकी खुशियों में खुश होना चाहता था,
उसने अपनी खुशी का साथी बनाया ही नहीं |
जिसकी पहली झलक दिल में बस गयी ,
एकटक देखने पर भी जी कभी भरा नहीं,
जिसके इन्तजार में एक मिनट भी इक साल लगता हो ,
उसने एक बार भी मुड़कर कभी देखा नहीं|
दिल के दर्द की कोई दवा नहीं ,
अधूरी मुहब्बत का कोई गिला नहीं,
दर्द तो सिर्फ इस बात का है ,
जिससे दिल लगाया वह कभी मिला नहीं ||||