मक्कू की मोनाल ,
चहकती-महकती
फूलों की घाटी ,
हिमालय की किलकारी
बुरांश की कोमल-कोपलें ,
केदार की बेटियां
लकीर की फ़कीर ;
ताश के पत्तों-सी बिखरी
अमावश्या में जुगनू-सी टिमटिमाती ,
ध्रुव तारे के सहारे , चन्द्रमा की भतीजी ,
रीतियों के बंजर में
हरियाली का हल जोतती मन्दाकिनी ,
दो बसंत देख चुकी अलकनंदा
अलख की नंदा है अब ,
पिता के प्रेम को पूजती
आदर्श कन्या ,
समाज के मूल्यों को सहेजती
दमघोंटू जीवन में , सांस लेती पिण्डारी ,
बाईस-सावन की सांवरी
श्रीकृष्ण की बावरी ,
समाज के बत्तीसवें संस्कार को स्वीकारती ,
अन्तर्वेदनाओं को भेदती
हिमालय की हिमानी
देवी नंदा राजजात की कहानी ,
बाबा-बर्फानी की चोटियां
हिमनद की बेटियां ।