नादान भंवरा
मंडराता है फूलों पर
शायद कोई फूल उसे ले अपने आगोश में
प्यार का इजहार कर दे
पर भंवरे के आते ही
पुरवाई के झोंके से
फूल भी झूमने लगते हैं इधर-उधर
देख शरारत फूलों की
भंवरा भी उड़ते उड़ते
पंखुडी पकड़कर फूल की
रसास्वादन करने लगता है
अच्छी लगती है थोड़ी तकरार
शायद प्रेम इज़हार में