रुकावट के लिए खेद है

दिल ने कहा कि तू रुक जा,
दिमाग ने समझाया कि तू थम जा,
जिस्म ने कहलवाया कि तू ठहर जा,
लेकिन अंतरात्मा ने बताया कि तू चलते जा।

ये मत सोच कि लोग क्या कहेंगे,
ये मत देख कि क्या तेरी लिखावट तुझपे हंसेगी,
ये मत सुन कि क्या दुनिया तुझको बोलेगी,
बस एक लम्बी आह भर और तू चलते जा।

तुझे ऐसा लगेगा कि सब तेरे दुश्मन हैं,
कभी ऐसा लगेगा कि लोग तुझसे नफ़रत करते हैं,
एक दिन ऐसा भी आएगा जब तू पछताएगा,
पर सोच मत बिल्कुल बस तू चलते जा।

आगे क्या होना है वो किसी को नहीं पता,
आगे क्या होगा ये कोई नहीं जानता,
लेकिन आज कैसे बदलना है वो हमें जानना है,
पछतावा पीछे छोड़कर बस तू चलते जा।


तारीख: 22.02.2024                                    स्पृहा गोडबोले









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