जो धीरे-धहेरे जख़्मो को भर दे,वो भगवान है वक़्त |
आशियाने को तिनके सा मसल दे,वो शैतान है वक़्त ||
कुछ कहे बिना सब कुछ बता दे, वो पैगाम है वक़्त |
जीने के मायने बदल दे, वो लगाम है वक़्त ||
भीगी आँखों का पानी है वक़्त,
नानी-माँ की कहानी है वक़्त|
वक़्त, बचपन की अल्हड़ नादानी है,
बेकारी की निशानी है वक़्त ||
वक़्त ना ग़रीबों का है, ना अमीरों का,
यह गुलाम है चंद फ़क़ीरों का|
वक़्त किसी का मोहताज़ नहीं,
और वक़्त से महँगा कुछ आज नहीं ||