खुद के अन्दर , ज़मीर ज़िंदा रख भले हो दिल से,अमीर ज़िंदा रख । ठीक है तू होगा दौलत मंद मगर ज़ेहन में एक फ़कीर ज़िंदा रख । नामुमकिन है कि मासूमियत लौटे खुद में बचपन शरीर ज़िंदा रख ।
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