अपना तो एक ही उसूल है

अपना तो एक ही उसूल है ।
सुख-दुख दोनों कुबूल है ।।

हिसाब इतना जिंदगी का,
थोड़े से फूल थोड़े शूल है ।।

जो भी मिला दिल खोल मिले,
जग की  तंगदिली  खूब है ।।

हर मोड़ बदले रूप अपना,
ज़िंदगी एक  इंद्रधनुष है ।।

सदियाँ  कम  है  प्यार में,
लड़ना–मारना फिजूल है ।।

ये  तेरा  ये   मेरा है,
‘माही’ मन की भूल है ।।


तारीख: 19.06.2017                                    महेश कुमार कुलदीप






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