मुझे गर्व है अपने लड़का होने पर
खुशकिस्मत मानता हूँ खुद को
कि ज़िंदा हूँ मैं
अपनी तीन बहिनों के बाद
मैं इकलौता लड़का था।
मेरी तीनों बहिनें,
जिन्हें कोख में ही मार गिराया था
उन तीन मरी लड़कियों के बाद
मैं अकेला ज़िंदा बचा, लड़का था।
जब तक कि सोनोग्राफी से पता न चल गया
कि मैं एक लड़का हूँ
मैं डरा रहता था
अपनी माँ की कोख में भी
कहीं ये मुझे भी न मार डालें
कहीं मेरी माँ को मेरी बहिनों की तरह
मेरा साथ भी न छोड़ना पड़े
पर अब मैं निश्चिंत हूँ
क्योंकि मैं ही तो हूँ अपने कुल का चिराग
चिराग, जो जगा है
मेरी बहिनों की ‘चिता’ से
लड़के की फसल पकी थी, सूरज की धूप से नहीं
लड़कियों की चिता से।