राम तुम्हारा आना

Bhagwan ram aagman ayodhya par kavita

(गीत)

राम तुम्हारा आना लगता, तन में जीवन आ गया।
मन की पीड़ा ‌‌ दूर हुई,  हृदय आह्लाद  समा गया।।
निकले हम प्रभात फेरी को 
कर रहे सफाई हर मंदिर की
गलियों की सड़कों को भी
सबने मेहनत से सुंदर की
सूनी अंधेरी राहों को, सच  में  अब  दमका ‌‌ गया ।
राम तुम्हारा आना लगता, तन में जीवन आ गया।।
सो रहे थे अपनी मस्ती में 
बैठे थे कुछ टूटी कश्ती मे
आहट तेरे कदमों की सुन 
खड़े हुए सब अपनी मस्ती में
तेरे नाम का उच्चारण अब, हर जिह्वा पर छा गया ।
राम तुम्हारा आना लगता, तन में जीवन आ गया ।।
प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर
दिवाली मनेगी हर घर - घर
उत्साह उमंग की लहर चली 
सब हुए राममय गांव - शहर
तेरी कृपा का ही प्रतिफल, समझ सभी के आ गया ।
राम तुम्हारा आना लगता, तन में जीवन आ गया ।।


तारीख: 22.01.2024                                    व्यग्र पाण्डे




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